सोलह सोमवार का व्रत दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के साथ मनपसंद जीवनसाथी को पाने के लिए किया जाता है। सोलह सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव के साथ माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। मान्यताओं के अनुसार,सोलह सोमवार का व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए आरंभ किया था।
हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों (षोडश संस्कार) का उल्लेख किया जाता है जो मानव को उसके गर्भाधान संस्कार से लेकर अन्त्येष्टि क्रिया तक किए जाते हैं। इनमें से विवाह, यज्ञोपवीत इत्यादि संस्कार बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं। वर्तमान समय में सनातन धर्म या हिन्दू धर्म के अनुयायी में गर्भाधन से मृत्यु तक १६ संस्कार होते है।[2]